रविवार, 19 फ़रवरी 2017

मां के लिए



आसां नहीं
एक उम्र को जीना...
मां होना...
मुश्किलों को भुला देता है...
वो दुआएं होती हैं
झुर्रियां नहीं...
वक्त ...
मां की मन्नतों का भी हिसाब रखता है...
अपने हिस्से के निवाले,
परोस देती हैं अक्सर...
बच्चों की भूख का
मां पर ज़्यादा असर होता है...
नींद पूरी होती नहीं है...
जागती रहती है मां...
बच्चों का हर ख्वाब,
मां की आंखों में सबसे पहले पूरा होता है . . . 


( ये तस्वीर एक सफर के दौरान चलते-चलते खींची गई थी. . . हर मां आखिर ऐसी ही तो होती है ) 

1 टिप्पणी: